मेरे राम का मुकुट भीग रहा है
राम यदि वन में नहीं जाते तो क्या उनका चरित्र इतना उद्दात होता? नहीं होता। वे एक राजकुमार से राजा बनते। ऐसा राजा जो आदर्श की मिसाल कायम करे किन्तु उनका चरित्र वैसा व्यापक न होता जैसा वनगमन के उपरांत हुआ। वनवास ने ही राम को 'रम' बनाया। वे प्रकृति के पास गए तो प्रकृति ने भी उनको बहुत कुछ दियाव…